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आज़ादी

PCGE में BSc, BA, BCom, BCA, में प्रवेश लेनेवाले प्रथम साल के सभी नए विद्यार्थी इसमें भाग लेते हैं। यह नाटक डॉ. राघव प्रकाश द्वारा रचित है जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित है।

  • ‘आजादी’ नाटक सन् 1857 से 1947 तक के भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष का पूरा लेखा-जोखा है जिसे छात्र-छात्राएँ अपने अभिनय से उसे जीवंत बनाने का प्रयास करते हैं। नाटक में भाग लेने से विद्यार्थियों में न केवल देशप्रेम की भावना का विकास होता है; अपितु उनमें समायोजन (coordination), सहपाठियों के प्रति सहयोग, सहभागिता, शिक्षकों के प्रति आदरभाव, सद्भाव, भाषण देने की क्षमता तथा एकता की भावना का संचार होता है।
  • यह नाटक प्रत्येक विद्यार्थी के आत्मविश्वास को बढ़ाता है तथा उसमें स्वतंत्रता सेनानी होने का जज़्बा उत्पन्न करता है। इसमें भाग लेनेवाले प्रत्येक विद्यार्थी में इतिहास-संबंधी ज्ञान की वृद्धि होती है। वह अधिक जिम्मेदार बनता है। यही नहीं, विद्यार्थी शैक्षिक रूप से भी अधिक गंभीर बनता है व उसके व्यक्तित्व का विकास करनेवाली इन पाठ्य-सहगामी गतिविधियों में उसका विश्वास अधिक सक्रिय होता है।
  • प्रतिवर्ष खेले जानेवाले इस आज़ादी नाटक में प्रथम वर्ष के लगभग 600 से 800 विद्यार्थी भाग लेते हैं जोकि नाटक के क्षेत्र का विश्व रिकॉर्ड है। इस नाटक का अभ्यास लगभग 12 से 13 दिन की अवधि में किया जाता है व इस दौरान नियमित कक्षाएँ भी यथावत चलती हैं ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई पर कोई प्रतिकूल असर न हो। इस नाटक का मंचन सामान्यत: जयपुर के प्रसिद्ध मंच रवींद्रमंच पर किया जाता है।