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B.Sc.

PCGE से BSc करने का आशय है विद्यार्थी में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करना, उसमें एक नवाचारी वैज्ञानिक खोजना और IAS, RAS, Bank PO आदि Competition के लिए भी तैयारी करना।

PCGE में BSc पाठ्यक्रम अद्वितीय और बहुआयामी है। इस पाठ्यक्रम की संकल्पना इस प्रकार है—

  • BSc की कक्षाएँ विश्वविद्यालय परीक्षाओं में बेहतरीन परिणाम दिलाने के उद्देश्य से चलाई जाती हैं। वस्तुत: PCGE में अध्ययन-अध्यापन की प्रक्रिया विद्यार्थी-केन्द्रित होती है ताकि विद्यार्थी कक्षा में लगातार सक्रिय भागीदारी निभाकर अधिकाधिक सीख सके। यह विद्यार्थी-केन्द्रित अन्त:क्रियात्मक (Interective) शिक्षण विद्यार्थी में न केवल विज्ञान की अवधारणाओं को समझने में सहयोग करती है अपितु उनके लेखन और वाचन-कौशल को भी विकसित कर उन्हें अभिव्यक्ति-कौशल में पारंगत करती है। यही कारण है कि यहाँ के BSc के विद्यार्थी न केवल विश्वविद्यालयी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करते हैं अपितु मेरिट सूची में भी अपना स्थान बनाते हैं।
  • PCGE में BSc हेतु प्रत्येक विषय Physics, Chemistry, Zoology, Botany, Geography, Maths आदि के लिए आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित पर्याप्त प्रयोगशालाएँ हैं। इन प्रयोगशालाओं में प्रयोगों में पारंगत शिक्षकों एवं सहायकों के द्वारा विद्यार्थियों को नियमित रूप से प्रैक्टिकल्स करवाए जाते हैं ताकि वे न केवल ‘‘खुद करके सीखें’’ अपितु इन्हीं प्रयोगों के माध्यम से अपने सैद्धांतिक ज्ञान को पुष्ट भी करें।
  • BSc के वैकल्पिक विषयों को न केवल IAS, RAS, SSC, IBPS आदि अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं के पाठ्यक्रम से जोड़कर पढ़ाया जाता है बल्कि प्रतिदिन 2 घंटे Competitions Classes भी अतिरिक्त रूप से दी जाती हैं जिनमें GK (Geography, Economics, Polity, History, Current Affairs), Maths, Reasoning, English आदि सम्मिलित हैं।
  • PCGE में BSc की अंत:क्रियात्मक (Interactive) कक्षाओं के द्वारा विज्ञान के विद्यार्थियों को बेझिझक बोलने, विभिन्न विषयों पर परस्पर चर्चा करने, विश्लेषणपरक एवं तार्किक निष्कर्ष निकालने में निष्णात किया जाता है।
  • BSc के विद्यार्थियों में वैज्ञानिक एवं तार्किक क्षमता तो विकसित हो जाती है किंतु उनमें भाषायी कौशल अर्थात् उचित शब्दों के चयन एवं प्रभावशाली भाषा में उनके प्रयोग का अभ्यास कम हो पाता है। PCGE में विज्ञान के विद्यार्थियों की इस समस्या के समाधान हेतु English एवं हिंदी दोनों भाषाओं में प्रभावी अभिव्यक्ति विकसित करने का विशेष कार्य किया जाता है।

पात्रता (Eligibility)

10+2 परीक्षा (राजस्थान बोर्ड/अन्य राज्य बोर्ड/CBSE/ICSE) में न्यूनतम 48 प्रतिशत अंक प्रवेश के लिए आवश्यक हैं। यदि राजस्थान से बाहर का विद्यार्थी प्रवेश लेता है तो 55 प्रतिशत पर प्रवेश ले सकता है। शर्त यह है कि उसका जन्म राजस्थान में हुआ हो (प्रमाण सहित) व उसके माता-पिता यहाँ 5 वर्ष से रह रहे हों।

प्रवेश प्रक्रिया

10+2 परीक्षा के प्राप्तांकों के आधार पर योग्यता-क्रम से प्रवेश दिया जाता है।

वैकल्पिक विषय (Optional Subjects)

  • रसायन विज्ञान (Chemistry)
  • भौतिक विज्ञान (Physics)
  • गणित (Mathematics)
  • प्राणिविज्ञान (Zoology)
  • वनस्पति विज्ञान (Botany)
  • भूगोल* (Geography)
  • अर्थशास्त्र* (Economics)

विद्यार्थी इनमें से कोई भी तीन वैकल्पिक विषय चुन सकते हैं।

*    IAS/RAS आदि Competition की दृष्टि से भूगोल एवं अर्थशास्त्र का विशेष महत्त्व है इसलिए PCGE में BSc डिग्री कोर्स में इन दोनों विषयों को विशेष रूप से शामिल किया गया है और विद्यार्थी इन विषयों को चुनते हैं।

अनिवार्य विषय (Compulsary Subjects)

  • सामान्य हिंदी (General Hindi)
  • सामान्य अंग्रेजी (General English)
  • प्रारंभिक कंप्यूटर (Elementary Computer)
  • पर्यावरण अध्ययन (Environmental Studies)

पढ़ाने के तरीके :

PCGE ने BSc के पाठ्यक्रम में पढ़ने-पढ़ाने का एक विशिष्ट तरीका इजाद किया है। कक्षा में केवल व्याख्यान देकर विद्यार्थियों को निष्क्रिय श्रोता बनाने के स्थान पर परिष्कार के शिक्षकों द्वारा विद्यार्थी-केंद्रित शिक्षण प्रणाली को अपनाकर विद्यार्थियों को सतत रूप से सक्रिय बनाने का प्रयास किया जाता है। विद्यार्थियों को अनेक तरह से सक्रिय बनाए रखने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ करवाई जाती हैं—

  • वाक्य में बीज शब्द (Key word) को ढूँढ़ना।
  • अनुच्छेद (Paragraph) में मूल विचार को ढूँढ़ना।
  • विद्यार्थियों को Study Sheet द्वारा स्वयं को पाठ में से वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को हल करने के लिए प्रेरित करना।
  • पाठ की अवधारणाओं (Concepts) का मूल्यांकन करवाना।
  • विद्यार्थियों को कक्षा में प्रस्तुतीकरण (Presentations) देने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • IAS, RAS जैसी-परीक्षाओं की मुख्य परीक्षाओं तथा साक्षात्कार के लिए विद्यार्थियों में विश्लेषणात्मक सोच विकसित करने के लिए संवादात्मक कक्षाओं, समूह-चर्चाओं, ओपन हाउस डिस्कशन, वाद-विवाद प्रतियोगिताओं और विश्लेषणात्मक और रचनात्मक उत्तर लेखन पर विशेष बल दिया जाता है।
  • Study Sheets से जाँचना, सरप्राइज टैस्ट, मिड-टर्म टैस्ट तथा प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा के द्वारा विद्यार्थियों की खूबियाँ एवं कमियाँ जानकर अपनी शिक्षण-प्रक्रिया के द्वारा उन्हें दूर किया जाता है।
  • इस प्रकार हम विश्वास करते हैं कि जब शिक्षण, अध्ययन और मूल्यांकन की प्रक्रियाएँ साथ-साथ चलती हैं तभी शिक्षा प्रभावी, रचनात्मक और उल्लसित करनेवाली होती हैं। अत: प्रत्येक दिन अनौपचारिक तरीके से विद्यार्थियों का आकलन कर हर दो सप्ताह में OMR परीक्षा से जाँच की जाती है।

उत्कृष्ट विश्वविद्यालय परिणाम

हमारे BSc के विद्यार्थियों ने अपने उल्लेखनीय परिणामों से हमें गौरवान्वित किया है।

हमारे विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में बहुत अच्छे अंक प्राप्त किए हैं, जैसे— गणित में 100%, रसायन विज्ञान में 100%, भौतिकी में 98% इत्यादि। इसीलिए BSc के हमारे विद्यार्थी प्रतिवर्ष राजस्थान विश्वविद्यालय की मैरिट में स्थान बनाते हैं।

 

Rank holders in University of Rajasthan exams.

Name

Session

(%)

Class

Rank

Gopal Patel 2019 90.89 BSc-I I
Ran Singh 2019 88.44 BSc-II V
Khushabu Servi (PIC) 2019 87.55 BSc-II VII
         

Rajesh

2017

86.44

BSc-I

VI

Bhavana

2016

90.4

BSc-I

IV

Vijayesh

2016

89.77

BSc-I

V

 

BSc करने के बाद मुख्य शैक्षणिक संभावनाएँ

BSc करने के बाद निम्नलिखित प्रमुख शैक्षणिक कार्यक्रमों में विद्यार्थियों के लिए निम्नलिखित अवसर उपलब्ध हैं—

MSc (मास्टर ऑफ साइंस)

विज्ञान में स्नातक विद्यार्थियों के लिए MSc (Physics, Chemistry, Mathematics, Zoology, Botany & Geography) सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प हैं, जो आगे कॉलेज एवं कॉलेज स्तर पर व्याख्याता बनने, विभिé शोध संस्थानों में शोध-कार्य करने के रास्ते खोलते हैं। परिष्कार के अनेक BSc छात्र IIT Delhi, JNU, BHU आदि में MSc में अध्ययन कर रहे हैं।

MBA (मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन)

विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों में यह एक लोकप्रिय कॅरियर विकल्प है। कई संस्थानों ने विज्ञान क्षेत्र के विषयों, जैसे— अस्पताल प्रबंधन, प्रयोगशाला प्रबंधन एवं IT प्रबंधन इत्यादि में विशेषज्ञता के साथ MBA कोर्स प्रारंभ कर दिया है जो BSc स्नातकों के लिए उपयुक्त है। PCGE विद्यार्थियों के लिए CAT (प्रतिष्ठित संस्थाओं में MBA में दाखिले के लिए ली जानेवाली प्रवेश परीक्षा) की तैयारी हेतु भी विशेष कक्षाएँ आयोजित की जाती हैं।

MCA (मास्टर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन)/MSc (IT)

जब से भारतीय अर्थव्यवस्था में IT के क्षेत्र में क्रांति आई है, तब से कंप्यूटर अनुप्रयोग (Computer Application) और आई.टी. (IT) BSc डिग्री धारकों के लिए लाभप्रद कॅरियर क्षेत्र के रूप में उभरा है। इस क्षेत्र में जो विद्यार्थी अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए MCA, MSc (IT) एक उपयुक्त विकल्प है।

BEd/शिक्षा में स्नातक

जो विद्यार्थी BSc के बाद स्कूल शिक्षक के रूप में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए BEd की डिग्री सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प है। यह BEd कोर्स दो वर्ष का है। सरकारी और निजी क्षेत्र के विद्यालयों में विज्ञान संकाय के अध्यापकों की काफी माँग है।

तकनीकी अल्पावधि कोर्स

वे विद्यार्थी जो किसी कौशल आधारित शैक्षणिक अवसर की तलाश में हैं, वे अल्पकालीन कोर्स जैसे— SAP, JAVA, SQL, .NET, Financial Accounting, PGDM इत्यादि का लाभ उठा सकते हैं। ये कोर्स तकनीकी क्षेत्र में आसानी से Job दिलाने में सहायक रहेंगे।

शोध (Research) में रुचि जाग्रत करना

  • PCGE में BSc पाठ्यक्रम के दौरान ही विद्यार्थियों को छोटे स्तर पर शोध के अवसर दिए जाते हैं जो आगे चलकर उच्चतर शिक्षा के लिए उपयोगी सिद्ध होते हैं। शोध की समझ बन जाने से विद्यार्थियों में शोध के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास होता है और उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है। वे MSc, Ph.D आदि कर नवीन शोध कर सकते हैं।

BSc करने के पश्चात् विद्यार्थी के सामने Jobs कॅरिअर की अनंत संभावनाएँ खुली रहती हैं जैसे-

  • IAS, RAS (प्रशासनिक सेवाएँ)
  • NDA, CDS (रक्षा सेवाएँ)
  • Bank PO, Bank Clerk (बैंक सेवाएँ)
  • Indian Railway
  • SSC (Income Tax Inspector, Custom Officer, Revenue Officer, CBI etc.)
  • Food Corporation of India
  • LDC
  • Police Sub-Inspector

 नियुक्तियाँ (Placements)

  • BSc के विद्यार्थी न सिर्फ शैक्षणिक स्तर पर उत्तम अंकों से उत्तीर्ण हुए हैं बल्कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सफल होकर शानदार नौकरियाँ कर रहे हैं।
  • महाविद्यालय में नियमित रूप से प्रशिक्षण और नियुक्ति शिविर (Training & Placement – Camps) लगाए जाते हैं जिससे भविष्य की संभावनाओं को तलाश सकें। परिणामत: विद्यार्थी BSc Part-III करने से पहले भी अच्छा जॉब प्राप्त कर लेते हैं।