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स्नेहपूर्ण संबंध

इस सत्य को ध्यान में रखते हुए कि हम सभी का संपूर्ण भावनात्मक विकास हमारे परिवारों, विद्यालयों, महाविद्यालयों और हमारे समाज में नहीं हो पाया है; जबकि हमारे भावनात्मक व्यक्तित्व का विकास एक सफल समाज बनाने के लिए अत्यंत आवश्यक है तथा इस पहलू की अभी तक वैश्विक स्तर पर भी भारी अनदेखी की गई है; हमने PCGE में इस पहलू पर विशेष ध्यान दिया है। यही अनुभव प्रबंधन एवं शिक्षकों की वार्षिक रूप से होनेवाली फीडबैक और प्लानिंग मीटिंग में भी निकल कर आया है। अत: सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक शिक्षक के एवं उनके द्वारा प्रत्येक विद्यार्थी के भावनात्मक व्यक्तित्व को मजबूत बनाने के प्रयत्न भी किए जाएँगे।

  • PCGE ने भावनात्मक व्यक्तित्व के निर्माण के कठिन और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए अपने कदम बढ़ा दिए हैं। हम जानते हैं कि किशोरावस्था के अंतिम पायदान पर खड़े विद्यार्थियों के साथ भावनात्मक व्यवहार के लिए विश्वास जीतने की कड़ी चुनौती है तथापि यह स्पष्ट है कि PCGE में भावनात्मक रूप से मजबूत शिक्षक और विद्यार्थी तैयार हो रहे हैं।
  • शिक्षकों के आपस में, और प्रबंधन के साथ भी, दिन-प्रतिदिन भावनात्मक संबंध मज़बूत हो रहे हैं और एक परिवार की तरह PCGE के सभी लोग-विद्यार्थी, शिक्षक, सभी कर्मचारी एवं प्रबंधन स्नेह-सूत्र से एक-दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। वे परस्पर एक दूसरे के सुख-दु:ख के भागीदार हैं।
  • अपने अध्ययन की चुनौतियों को उपलब्धियों में बदलने के लिए विद्यार्थी स्वयं व्यूह रचना तैयार करें।
  • विद्यार्थी स्वयं की कमजोरियों जैसे – डर, हिचकिचाहट आत्मविश्वास की कमी, लक्ष्यों की अनदेखी आदि को पहचानें साथ ही समाज एवं स्वयं के विकास की प्रक्रिया को जानें।
  • विद्यार्थी अपनी आत्मछवि को बेहतर बनाएँ अपनी क्षमताओं को पहचानना सीखें और अपने आत्मबल को विकसित करें जितना वे कर सकते हैं।
  • विद्यार्थियों को प्रशिक्षण करने हेतु नियमित अकादमिक गतिविधियों के साथ विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है लेकिन ये प्रशिक्षण कार्यक्रम विद्यार्थी-केंद्रित, गतिविधि-आधारित इंटरेक्टिव, सहभागितायुक्त, मूल्यांकन केंद्रित, विश्लेषित और रचनात्मक होते हैं।