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इंटरेक्टिव और सहभागिता आधारित शिक्षण

 

  • PCGE ने पुरानी पारम्परिक अध्यापक-केंद्रित शिक्षण-पद्धति के मिथक को तोड़ा है क्योंकि यह कक्षा में एक नीरस एवं ऊब का वातावरण उत्पन्न करती है जिससे विद्यार्थी के सीखने की प्रक्रिया बाधित होती है।
  • PCGE विद्यार्थियों के लिए अनेक शैक्षणिक और सह-शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन करता है।
  • यह विद्यार्थियों की व्यक्तिगत भागीदारी, आंतरिक प्रेरणा, व्यक्तिगत प्रतिबद्धता, आत्मविश्वास के साथ सफलता प्राप्त करने की क्षमताओं के बढ़ाने और सीखने की क्षमता को प्रोत्साहित करने के लिए वातावरण तैयार करता है।
  • सक्रियता और सामाजिक सहभागिता विद्यार्थी के ज्ञान के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • विद्यार्थी की कक्षा में सीखने की प्रक्रिया इस कार्य से शुरू होती है कि वह पहले से क्या जानता है? वह अपने पूर्व ज्ञान का नये ज्ञान के साथ कैसे तालमेल बिठाता है इस पर शिक्षक अपनी नज़र रखते हैं और विद्यार्थियों को शिक्षण कार्य में सक्रिय सहभागी बनाते हैं। कक्षा-कक्ष के ऐसे वातावरण में विद्यार्थी सहजता से नया ज्ञान प्राप्त करता जाता है।
  • हमारे विद्यार्थी के विचारों और व्यवहार को प्रतिबिम्बित करने एवं नियमित करने की क्षमता PCGE की सीखने की प्रक्रिया का अनिवार्य हिस्सा है।
  • धीमी गति के साथ-साथ तेज गति से सीखनेवाले विद्यार्थियों के लिए संपूरक दिशा-निर्देश दिए जाते हैं – उपचारात्मक शिक्षण, समस्या समाधान हेतु ‘राउण्ड टेबल स्टेशन’ और कक्षा में उनकी क्षमता को विकसित करनेवाली गतिविधियाँ महाविद्यालय में आयोजित की जाती हैं।